केन्द्रक की संरचना ( Cell of strachur)

           केन्द्रक की संरचना एवं कार्यों का वर्णन


                   {Cell of strachur} 

 केन्द्रक कोशिका का सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाग है , जो कोशिका की उपापचयी  (Metabolic ) तथा नवंशिक क्रियाओं पर नियन्त्रण रखता है । रॉबर्ट ब्रॉउन  ने सर्वश्रा इसका वर्णन कोशिका के स्थायी अंग के रूप में किया । प्रत्येक कोशिका सामान्यत : एक केन्द्रक होता है,किंतु कभी - कभी दो केन्द्रक ( Binucleate ) जैसे - पैरामीशियम में तथा अनेक केंद्रक जैसे — बाउचेरिया में पाये जाते हैं ।

               पौधों में बहकेन्द्रिक कोशिकाएँ सीनोसाइरस ( Coenocytes ) तथा जन्तुओं में सिंसिशियल ( Syncytial ) _ कहलाती हैं । केन्द्रक की आकृति कोशिका की आकृति के ऊपर निर्भर करता है ।

संरचना ( Structure ) - - संरचना के आधार पर केन्द्रक को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है

1 . केन्द्रक कला ( Nuclear mernmbrane ) , 2 . केन्द्रकद्रव्य ( Nucleoplasm ) , 3 . केद्रक जालक ( Chromatin network ) , 4 . अनेक केंद्रक ( Nucleplus ) ।


1 . केन्द्रक कला ( Nuclear membra) — यह केन्द्रकइन्य ( Nucleoplasm ) को चारों ओर से ढंका रहता है तथा कोशिकाद्रव्य ( Cytoplas) से अलग करता है    अनेक केंद्रक प्लाज्मा मेम्ब्रेन के समान दो झिल्लियों की बनी होती है । बाहरी झिल्ली लिपोप्रोटीन की बनी होती है । इसमें राइबोसोम्स लगे होते हैं । भीतरी झिल्ली फाइन्नस लेमिना ( Fibrous tamina ) की बनी होती हैं । दोनों के बीच परिकेन्द्रीय संस्थान ( Perinuclear space ) होता है । झिल्ली के बीच - बीच में छिद्र होता है , जिसे केन्द्रकीय छिद्र ( Nuclear pore ) कहते हैं । ये | अष्टभुजीय होते हैं । इसके निम्नलिखित कार्य हैं

 ( 1 ) साइट्स ( Oocytes ) आदि से केन्द्रकद्रव्य ( Nucleoplasm ) तथा कोशिकाद्रव्य ( Cytoplasin ) के । बीच आयनों का आदान प्रदान करता है ।

( 2 ) ड्रोसोफिला की लार ग्रंथि की कोशिकाओं में पदार्थों के विसरण में अवरोधक का कार्य करता है ।

( 3 ) केन्द्रकीय छिद्र से राइनोन्यूक्लिओ प्रोटीन ( RNP ) कोशिकाद्रव्य में आते हैं ।

              2 . केन्द्रकव्रव्य ( Nucleoplasm ) - यह केन्द्रकीय झिल्ली से घिरा पारदर्शी अर्द्ध -ठोस कणिकामय प्रोटीन से बना चिपचिपा पदार्थ है । इसे कैरियलिम्फ ( Karyolymph ) भी कहते हैं । इसमें क्रोमैटिन तन्तु , केन्द्रिका ( Nucleolus ) और न्यूक्लियो प्रोटीन के कण होते हैं , जो नाभिकीय अम्ल , प्रोटीन्स , एन्जाइम , लिपिड । तथा खनिज पदार्थों का बना होता है ।

              3 . केन्द्रक जालक ( Chronmain Network - केन्द्रकद्रव्य क्रोमैटिन  की बनी अनेक कुण्डलित धागों क्रोमैटिन  ( Chromonemata ) से बनी होती हैं , जो जाल के समान रचना बनाती है । केन्द्रक जालक पर अति । सूक्ष्म कणिकाएँ होती हैं जिन्हें क्रोमैटिन कण या क्रोमोसेण्टर कहते हैं । यह कोशिका विभाजन के समय संघनित । होकर गुणसूत्र  बनाते हैं । क्रोमैटिन दो प्रकार के होते हैं

( 1 )यूक्रोमैटिन ( Euchromatin ) ये महीन धागेनुमा क्षारीय रजकों द्वारा अभिरंजित होते हैं । इनमें । DNA को मात्रा अधिक होती हैं । अतः आनुवंशिक रूप से सक्रिय होते हैं ।

  ( 2 )  हेहरोकोमैटिन ( Heterolaromatin ) - ये आनुवंशिक रूप से निष्क्रिय , लेकिन कोशिका की । उपापचय क्रियाओं और नाभिकीय अम्ल के जीव - संश्लेषण में सक्रिय होते हैं ।

( 4 ) केंद्रिका   अधिकतर कोशिकाओं में केन्द्रिका सहित ( Compact ) होते हैं लेकिन | कई कोशिकाओं में ये विसरित ( Diffused ) या खण्डित ( Eragmented )  होते हैं । यह अपेक्षाकृत अम्लनेहौ । रचना है और केन्द्रक में उत्केन्द्रक ( Eccentric ) होते हैं । इसका आकार प्रोटीन संश्लेषण में कोशिका की सक्रियता के ऊपर निर्भर होता है । इसमें निम्नलिखित भाग होते हैं

 ( i ) कणिकाय भाग ( Granular Zone ) - 150 से 200a  व्यास के दायें केन्द्रिका की परिधि बनाते हैं । और RNA के बने होते हैं । ये राइबोसोम के पूर्वगामी ( Precursor ) होते हैं ।

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