क्या केवल आरक्षण से देश का उद्धार हो सकेगा :

क्या केवल आरक्षण से देश का उद्धार हो सकेगा :


       सुमित्रा राज्य ब्यूरो , रांची : लोकसभा अध्यक्ष में बैठने वाले भी आए । हर 10 साल पर सुमित्रा महाजन ने आरक्षण को लेकर 10 साल के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ा समाज के समक्ष सवाल उठाए हैं । रविवार दी । एक बार 20 साल के लिए बढ़ा दी । को यहां खेलगांव में प्रज्ञा प्रवाह के चार क्या केवल आरक्षण से देश का उद्धार दिवसीय लोकमंथन कार्यक्रम का समापन संभव हो सकेगा ।

          उन्होंने उदाहरण देते हुए करने आईं लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी भी समझाया कि अगर सामुहिक भोज में स्पष्ट किया कि वह आरक्षण की विरोधी अलग - अलग कोना बना दें और तय कर नहीं हैं , लेकिन क्या केवल आरक्षण देने दें कि यहां ब्राह्मण बैठेगा , वहां क्षत्रिय और से देश का उद्धार संभव हो सकेगा । उनका शूद्र बैठेंगे तो भोजन के दौरान सबके दिमाग मानना है कि सामाजिक संरचना की बात में सिर्फ यही बात चलेगी , भोजन से ताकत करें तो इस विषय पर आत्मचिंतन करें । नहीं मिल पाएगी । महाजन ने वैचारिक जिसे आरक्षण मिला या जिसे नहीं मिला , प्रवाह पर बल देते हुए कहा कि प्रज्ञा का हरेक व्यक्ति यह सोचे ।

      प्रवाह चलते रहना चाहिए तभी विचारों का | सामाजिक स्थिति पर झारखंड के पूर्व मंथन होता रहेगा । दो साल पहले भोपाल में मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के पूर्व में दिए गए भी ऐसा ही आयोजन हुआ था । यह राष्ट्रीय वक्तव्य का संदर्भ देते हुए उन्होंने आरक्षण पुनर्निर्माण की सोच है ।

     वाद - संवाद से हीं । पर बात की शुरुआत की । कहा कि हमारी कुछ बोध होगा । यह कुंभ मेले जैसा है । सामाजिक स्थिति मजबूत है । यह भी देखना लोकसभा अध्यक्ष ने कह्म कि केवल होगा कि कहीं हमारा समाज पिछड़ तो नहीं सरकार के भरोसे न रहें । सरकार सबकी रहा है ।

       संविधान निर्माता बाबा साहब है , यह सोचना होगा । हम आंदोलन में । आंबेडकर आरक्षण केवल 10 साल के सबसे पहला पत्थर सरकारी बस की लिए चाहते थे । उन्होंने सामाजिक संरक्षण कांच पर मारते हैं । स्ट्रीट लाइट तोड़ते हैं । की आवश्यकता महसूस की थी , लेकिन यह सोचना होगा कि हम टैक्स देते हैं तो सामूहिक चिंतन में हम कम पड़े । संसद सरकार काम करती है ।

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