, तो हम काफी खुश होते हैं और अपने उस रिश्ते को लंबा जब हम किसी के साथ रिलेशनशिप यानी प्यार के रिश्ते में बंधतेचलाने के लिए हर एक जरूरी काम करते हैं। लेकिन कई मर्तबा ऐसी चीजें हो जाती हैं, जिनकी वजह से रिश्ते टूट तक जाते हैं और हम उस वक्त सोचते हैं…
Read moreआपकी ऑनलाइन लाइफ के पहरेदार हैं ये हैकर्स सैलरी पथिकल हकिग फील्ड में कमाई आपकी कुशलता विशेषज्ञता पर निर्भर करती है । फिर भी साइबर सिक्युरिटी में फेशटेंड प्रोफेशनल्स को शुरुआत में 30 से 40 हजार रुपए तक की सैलरी मिल जाती है वहीं , अनुभवी लोग ह…
Read moreआपकी ऑनलाइन लाइफ के पहरेदार हैं ये हैकर्स आपकी ऑनलाइन लाइफ के पहरेदार हैं ये हैकर्स हैकिंग शब्द आज सिर्फ भारत ही नहीं , पूरी दुनिया की नींद उड़ा रखी पर्सनल अकाउंट को हैक करने से लेकर साइबर फ्रॉड , साइबर टेररिज्म जैसी घटनाएं अब आम हो गई हैं…
Read moreYoutube के जरिए सीखें साइंस टेकलर्निंग नई - नई चीजों को सीखने के लिए यूट्यूब एक अच्छा प्लेटफॉर्म है । अगर बात साइंस की करें , तो यहां इससे संबंधित कुछ अच्छे चैनल्स हैं । आइए जानते हैं साइंस से जुड़े चैनल्स के बारे में , जो आपके लिए उपयोगी…
Read moreदोस्तों हम सब के लिए यह जानना बहुत जरूरी होता है कि आप जिस लड़की को पसंद करते है क्या वह भी आप से पसंद करती है या नहीं तो दोस्तों इसी बारे में बात करेंगे कई बार ऐसा होता है कि हम जिस लड़की को चाहते हैं यह जिस किसी लड़की को पसंद करते हैं वह आप…
Read moreकेन्द्रक की संरचना एवं कार्यों का वर्णन {Cell of strachur} केन्द्रक कोशिका का सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाग है , जो कोशिका की उपापचयी (Metabolic ) तथा नवंशिक क्रियाओं पर नियन्त्रण रखता है । रॉबर्ट ब्रॉउन ने सर्वश्रा इसका …
Read more- गॉल्जीकाय Complex ) - - कोशिका में कुछ विशेष प्रकार की क्रियाओं जैसे पॉलिसैकेराइड का संश्लेषण , कोशिकीय संश्लेषित पदार्थ ( प्रोटीन ) के भण्डारण , स्रावित होने वाले वेसिकल्स का निर्माण तथा कोशिकीय झिल्ली के विभेदीकरण के लिए कोशिकाद्रव्य में जटिल रचनाएँ…
Read more- माइटोकॉण्ड्यिा ( Mitochondri ) - कोशिकाद्रव्य में कछ धागेदार ( Fi4tnentous ) रचना होती है । ये प्रायः सभी नायवीय कोशिका ( Aerobic cells ) , जैसे — उच्च पौधे , जन्तु तथा कुछ सूक्ष्मजान जैसे - कवक , शैवाल तथा प्रोटोजोआ की कोशिकाओं में पाये जा…
Read moreकोशिकाद्रव्य में एक जालिकावत् रचना होती है जो शिल्ली के आपस में जुड़ने से बनती हैं तथा कोशिका का कोशिकीय कंकाल बनाती है तथा निश्चित आकृति देती है , इसे अत : पाद्रव्यी जालिका कहते हैं । इसके बारे में सबसे पहले पोर्टर ( Porter ) ने सन् 1945…
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